https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 2. आध्यात्मिकता का नशा की संगत भाग 1: 01/12/25

|| भगवान की दुआ मतलब आशीर्वाद , * पोशाक को स्वयं धारण करना * , *उड़ीसा में बैंगन बेचने वाले* ||

|| भगवान की दुआ मतलब आशीर्वाद , * पोशाक को स्वयं धारण करना * , *उड़ीसा में बैंगन बेचने वाले* ||      


  *!!( दुआ) आशीर्वाद का असर !!*



एक हॉटेल में अधिक भीड़ रहती थी जिसे बहुत उठाकर एक आदमी रोजाना खाकर बिना पैसे ही चला जाता था. 

હું રોજ उस आदमी को देखता हूँ लेकिन होटल के मालिक को कभी कभी नहीं.

એક દિવસ સોચા ચલો હોટેલના માલિકને પણ જણાવો, જેમ કે હું આ હોટેલના માલિકને તેના માણસ વિશે કહું છું કે તમે પહેલા ગ્રાહકને આ વાત કહી નથી; અને પણ ઘણા ગ્રાહકો અમને આ વાત કહે છે.

તમે મારી વાત સાંભળો છો કે તમે તેને રોકતા કેમ નથી તે મને જવાબ આપે છે કે એક વાર મેં તે વ્યક્તિનું પીછું કર્યું તો અમને ખબર પડી કે તે એક ભીખારી છે અને કચૌરી ખાવાના પછી સીધા ભગવાનના મંદિરમાં જાય છે.

जब हम चुपके से भगवान के मंदिर में जाकर देखा तो वह व्यक्ति ( दुआ ) प्रार्थना करके आशीर्वाद मांग रहा था कि हे भगवान! कल उस होटल में आज से भी ज्यादा भीड़ना भेजना भीड़ में मैं कचौरी खाके निकल सकूं. 

फिर हमें एहसास ( हुआ ) प्रार्थना की होटल हमारी मेहनत से नहीं उसकी ( दुआओं ) आशीर्वाद की बदौलत बताती है।
 
*શિક્ષા:-*

મિત્રો, જીવનમાં ક્યારેક-કભી અમે તમારી સફળતા પર ઘમંડ લગતા હોઈએ છીએ, પરંતુ અમને ખબર નથી કે તે સફળતા અમારી કેવી ( દુઆઓ ) પ્રાર્થના અને આશીર્વાદની બદૌલત मिली है..!!

   *🙏🏽🙏🏾🙏🏼જય શ્રી કૃષ્ણ*🙏🏻🙏🏿🙏

*|| पोशाक को स्वयं सामान्य करना ||*

            
    
*वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि एक ठाकुर भूपेंद्र सिंह नामक व्‍यक्‍ति थे जिनकी भरतपुर के पास एक रियासत थी। 

ઇન્‍હોને તમારો પૂરો જીવન ભોગવિલાસમાં બિતાયા. 

धर्म के नाम पर ये कभी रामायण की कथा करवाते, तो कभी भागवत की कथा करवाते थे, बस इसी को यह धर्म समझते थे।*

*झूठी शान और शौकत का दिखावा करते थे. 

ઠાકુર ભૂપેંદર સિંહની પત્ની ભગવાન પર વિશ્વાસ રાખતી હતી. 

वह साल में नियमानुसार वृंदावन जा कर श्री बांके बिहारी की पूजा करती। 

ક્યારે भूपेंदर सिंह भगवान में कभी आस्‍था विश्व‍वास नहीं प्रधान था।

उल्‍टा वह अपन बीबी को इस बात का भी मारता था, लेकिन उनकी पत्नी ने कभी भी इस बात का बुरा नहीं माना।*

*एक दिन भूपेंद्र सिंह शिकार से देख रहे हैं अपने महल को फूलों से सजा हुआ है। 

घर में विशेष प्रसाद बनाया गया था, लेकिन ये आते ही उखड़ गए और नौकरों पर चिल्‍लाने लगे। 

તબ તેમની બીવી ને કેવડી આજે બાઈકે બિહારીનો દિવસ છે તેના વિશે વે ઉન‍હેં પહેલા જણાવું છું, લેકીન ભૂપેન્દ્ર સિંહને યાદ કર્યા પછી, કારણ કે તે તેના પર ચિલ્‍લાને લાગશે, તે પછી उन्‍‍‍ लज्‍जा અનુભવી અને તેની બીવી સામે શાંત હો ગયા.*

*ધીરે ધીરે ઠાકુર ભૂપેન્દ્ર સિંહના સુખ ભોગવિલાસમાં આગળ વધવું અને તેણીની પત્નીથી દૂર જતા હતા. 

જેમ કે તેમની પત્ની बाँके बिहारी जी के और पास चली गईं। 

ઠાકુરની પત્નીને બાંકે બિહારી માટે પોષક તૈયાર કરવું હતું, જેના વિશે ઠાકુરને ખબર પડી અને તે તેને ગાયબ કરવા ઈચ્છે છે. 

उन्‍होंने पोषाक गायब करवा दी, जिसके बारे में ठाकुर की पत्नी को पता ही नहीं चला और वह वृंदावन में पहुंच कर उस पोषक के आने का इंतजार करने लगी।*

*ठाकुर ने पोशाक चोरी होने की खबर वृन्दावन आने पर अपनी पत्नी को देने की सोची। 

जब वह वृंदावन पहुंचे तो देखते हैं, कि वहां पर सभी भक्‍त बांके बिहारी लाल की जय ! 

जय जय श्री राधे ! 

करते हुए भीड़ लगाए हुए थे। 

लेकिन ठाकुर के मन में अपनी पत्नी को नीचा दिखाने का विचार था।*

*वह जैसे ही अपनी पत्नी को ढूंढते हुए मंदिर पहुंचे, वह देखते हैं कि उनकी पत्नी उन्‍हें देख कर खुश हो रही होती है और कहती है कि भगवान ने मेरी सुन ली कि तुम आज यहां आए हो। 

वह ठाकुर का हाथ थाम कर बांके बिहारी के सामने ले जाती है।*

*बांके बिहारी ने वही पोशाक पहन रखी थी, ठाकुर जैसे ही विग्रह के सामने पहुंचते हैं। 

वह देखते हैं कि बांके बिहारी ने वही पोषाक पहन रखी थी, जिसे उन्‍होंने चोरी करवाई थी।

इसे देख ठाकुर हैरान परेशान हो गया और जब उसने बांके बिहारी से आंखें मिलाई तब उसकी नजरें खुद शर्म से झुक गईं। 

उनकी पत्नी ने बताया कि इस पोषाक को बीती रात उनके बेटे ने लाई थी। 

यह सुन कर ठाकुर का दिमाग खराब हो गया और यह सोचते सोचते उसकी आंख लग गई।*

*ठाकुर विश्राम करने को गया तो बांके बिहारी सपने में आए और ठाकुर से कहते हैं। 

क्‍यों हैरान हो गए कि पोशाक मुझ तक कैसे पहुंची। 

वे बोले कि इस दुनिया में जिसे मुझ तक आना है उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।

पोषाक तो क्‍या तू खुद को देख, तू भी वृंदावन आ गया। 

यह बात सुन ठाकुर साहब की नींद खुल जाती है और उनका दिमाग सुन्‍न पड़ जाता है। 

वह भी बाँके बिहारी जी का भक्त बन जाता है। 

बाँके बिहारी ऐसी अनेक लीला भक्तो के साथ करते है।*

    *|| श्री बाँकेबिहारी की जय हो ||*

*उड़ीसा में बैंगन बेचने वाले*


    *की एक बालिका थी |*
         
    
*दुनिया की दृष्टि से उसमें कोई अच्छाई नहीं थी |

 न धन था, न रूप | 

किन्तु दुनिया की दृष्टि से नगण्य उस बालिका को संत जयदेव गोस्वामी जी का पद गीत गोविंदम बहुत ही भाता था | 

वह दिन-रात उसको गुनगुनाती रहती थी और भगवानके प्रेम में डूबती - उतराती रहती थी| 

वह घर का सारा काम करती, पिता-माता की सेवा करती और दिन भर जयदेव जी का पद गुनगुनाया करती और भगवान की याद में मस्त रहती |*

*पूर्णिमा की रात थी,पिताजी ने प्यारी बच्ची को जगाया और आज्ञा दी कि बेटी ! 

अभी चाँदनी टिकी है, ईसी प्रकाश में बैंगन तोड़ लो जिससे प्रातः मैं बेच आऊँ |

वह गुनगुनाती हुई सोयी थी और गुनगुनाती हुई जाग गयी | 

जागने पर इस गुनगनाने में उसे बहुत रस मिल रहा था |वह गुनगुनाती हुई बैंगन तोड़ने लगी, कभी इधर जाती, कभी उधर; क्योंकि चुन - चुनकर बैंगन तोड़ना था |*

*उस समय एक ओर तो उसके रोम - रोमसे अनुराग झर रहा था और दूसरी ओर कण्ठ से गीत गोविन्द के सरस गीत प्रस्फुटित हो रहे थे |

प्रेमरूप भगवान् इसके पीछे कभी इधर आते, कभी उधर जाते | 

इस चक्कर में उनका पीताम्बर बैंगन के काँटों में उलझकर चिथड़ा हो रहा था, किन्तु इसका ज्ञान न तो बाला को हो रहा था और न उसके पीछे - पीछे दौड़ने वाले प्रेमी भगवान को ही |

विश्व को इस रहस्य का पता तब चला जब सबेरे भगवान् जगन्नाथ जी का पट खुला और उस देश के राजा पट खुलते ही भगवान की झाँकी का दर्शन करने गये | 

उन्हें यह देखकर बहुत दुःख हुआ कि पुजारी ने नये पीताम्बर को भगवानको नहीं पहनाया था, जिसे वे शाम को दे गये थे | 

वे समझ गये कि नया पीताम्बर पुजारी ने रख लिया है और पुराना पीताम्बर भगवान को पहना दिया है |*

*उन्होंने इस विषय में पुजारी से पूछा |

વેચારા પુજારી આ દ્રશ્ય જુઓ અવકથા | 

उसने तो भगवान को राजा का दिया नया पीताम्बर ही पहनाया था, किन्तु राजा को पुजारी की योग्यता पर हुआ और उन्होंने उसे जेल में डाल दिया |

નિર્દોષ પુજારી જેલમાં ભગવાનનું નામ પર ફૂટ - ફૂટકર રોને લાગ્યો |*

*આ વચ્ચે રાજા આરામ કરવા અને તેની નીંદ આશ | 

સ્વપ્નમાં ભગવાન જગન્નાથ જીના દર્શન અને સુનાયીપદ કી પૂજારી નિર્દોષ છે, ઉસે સન્માનના સાથ છોડો | 

રહી વાત ન કરવી જોઈએ પીતામ્બરકી તો આ હકીકત બેંગનના ખેતરમાં જાકર સ્વયં જુઓ લો, પીતામ્બરના ફટેઅંશ બેંગન કે કાંટોમાં ઉલજે મળશે |

હું તો પ્રેમ के अधीन हूं, તમારા प्रेमीजनों के पीछे - पीछे लगाया करता हूँ | 

બૈંગન તોड़ने वाली बाला के अनुराग भरे गीतों को मेरे लिए मेरे पीछे - પાછળ દોડ હું અને એક જ માં મારા પીતામ્બર काँटों में उल्झकर फट |

જગન્નાથ-મંદિરની દેખરેખ, ભોગ-આરતી વગેરે તમામ રીતે વ્યવસ્થાવાળા રાજાના જીવનની આ અદ્ભુત ઘટનાએ રસ ભર્યો અને ભગવાનના અનુરાગમાં પણ મસ્ત રહેશે | 

बैंगन तोड़ने वाली एक बाला के पीछे-पीछे भगवान के प्रेम में घूमते हैं |*

* આ વાર્તા ફૂસની આગની જેમ ફેલાવો | 

જગત કે સ્વાર્થી લોકોની પણ નજીક આવવા લાગી | 

कोई पुत्र माँगता तो कोई धन |

આ રીતે ભગવાનના પ્રેમમાં બાધા પડતે જુઓ રાજા ને જગન્નાથ મંદિરમાં નિત્ય મંગળ આરતીના સમયના ગીત ગોવિંદ ગીતો માટે તેને બાલિકા મંદિરમાં રક્ષા અને તેની સુરક્ષા- વ્યવસ્થા | 

तब से नित्य मंगला आरती में गीत गोविंद का गान श्री जगन्नाथ मंदिर में आ रहा था।*

  *|| જય જગન્નાથ સ્વામી જી ||*
પંડારામા પ્રભુ રાજ્યગુરુ 

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