https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec 2. आध्यात्मिकता का नशा की संगत भाग 1: 01/20/25

|| *पूजा करते समय कमर और गर्दन सीधी क्यो रखनी चाहिए ?* / मां दुर्गा प्रश्नावली ||

 सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........

जय द्वारकाधीश

।। श्री सामवेद प्रवचन ।।

||  *पूजा करते समय कमर और गर्दन सीधी क्यो रखनी चाहिए ?*  / मां दुर्गा प्रश्नावली ||

*पूजा करते समय कमर और गर्दन सीधी क्यो रखनी चाहिए ?* 


*गीले सिर पूजा क्यो नहीं करनी चाहिए ?*

जब हम पूजा करते है तो कमर और गर्दन को सीदा रखने को कहा जाता है । 

ऐसा क्यो कहा जाता है ? 



इसका मुख्य कारण है कि जब हम पूजा करते है तो ध्यान अंतिरक्ष मे जाता है । 

और ध्यान को ऊपर ले जाने मे सुषुम्णा नाड़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है । 

यह नाड़ी रीड की हड्डी मे से होकर ब्रह्मरंध्र चक्र से जुड़ी होती है ।

अगर कमर और गर्दन झुक जाएंगी तो नाड़ी भी झुक जाएगी । 

अगर नाड़ी झुक जाएगी तो ब्रह्मरंध्र की नाड़ियाँ धुलोक से संपर्क बनाने मे असमर्थ हो जाती है । 

क्योकि तरंगो की दिशा नीचे की ओर हो जाती है । 

और जो ध्यान की तरंगे ऊपर को जानी चाहिए । 

वो नीचे को जाना शुरू कर देती है । 

ध्यान हमेशा ऊपर को सोचने से ही लगता है । 

इस लिए हवन यज्ञ ध्यान और पूज पाठ मे हमेशा कमर और गर्दन को सीदा रखना चाहिए ।

अगर आप जल्दी वाजी मे गीले सिर पूजा करते हो तो बहुत हानिकारक होता है । 

तथा जमीन पर बिना कुचालक आसन के बैठ जाते हो तो भी बहुत हानिकारक होता है । 

जब आप पूजा करते हो तो उस समय आपके शरीर से विधुत तरंगे निकलती है । 

और आपका सिर गीला होता है तो वो विधुत तरंगे गीले सिर के वालो मे ही विलय कर जाती है । 

जिसके कारण ध्यान क्रिया तो वाधित होती ही है इसके साथ साथ सिर मे भयंकर बीमारियो का जन्म हो जाता है ।

इसी प्रकार जब आप खाली जमीन पर बैठते हो तरंगे मूलाधार चक्र से भी गुदा के द्वार से बाहर निकलती है तथा वो प्रथवि के चुम्बकीय क्षेत्र मे संपर्क बना लेती है । 

जिसके कारण वो तरंगे जमीन मे चली जाती है । 

जो शरीर की पॉज़िटिव ऊर्जा को खीच लेती है । 

जो ध्यान से उत्पन्न होती है । 

क्योकि पृथ्वी सुचालक का काम करती है । 

इस लिए पूजा करते समय कुचालक आसन का प्रयोग करना चाहिए । 

जिससे उत्पन्न तरंगे सीदे ऊपर की ओर जाये तथा ध्यान और पूजा मे सहायक बन जाए।




||  मां दुर्गा प्रश्नावली ||

     
     
जैसे रामायण में राम सलाका है ठीक वैसा ही नवदुर्गा प्रश्नावली चक्र है। 

इस चक्र के माध्यम से आप अपने जीवन की परेशानियों व सवालों का हल आसानी से पा सकते हैं। 

इस चक्र की उपयोग विधि इस प्रकार है-

जिसे भी अपने सवालों का जवाब या परेशानियों का हल जानना है वो पहले पांच बार ऊं का जप करे इसके बाद आंखें बंद करके अपना सवाल पूछें।

और माता दुर्गा का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर ऊँगली घुमाते हुए रोक दें। 

जिस कोष्ठक ( खाने ) पर ऊँगली रुके, उस कोष्ठ क में लिखे अंक के फलादेश को ही अपने प्रश्न का उत्तर समझें। 

जैसे यदि किसी अंक 1 या 2 पर रुके तो आपके प्रश्न का उत्तर ये होगा-

1- धन लाभ होगा एवं
       मान - सम्मान भी मिलेगा।

2- धन हानि अथवा अन्य प्रकार का
           अनिष्ट होने की आशंका है।

3-अभिन्न मित्र अथवा प्रिय से मिलन होगा,
         जिससे मन प्रफुल्लित होगा।

4- कोई व्याधि अथवा रोग होने की आशंका है,
        अत: कार्य अभी टाल देना ही ठीक रहेगा।

5- जो भी कार्य आपने सोचा है, उसमें 
      आपको सफलता मिलेगी, निश्चिंत रहें।

6- कुछ दिन कार्य टाल दें। 
इसमें किसी से कलह अथवा कहा सुनी हो सकती है, जिसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
 
7- आपका अच्छा समय शुरू हो गया है। 
शीघ्र ही सुंदर एवं स्वस्थ पुत्र होने के योग हैं। 
इस के अतिरिक्त आपकी अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी।

8- विचार पूरी तरह त्याग दें। 
इस कार्य में मृत्यु तुल्य कष्ट की आशंका है। 
यहां तक कि मृत्यु भय भी है।

9- समाज अथवा सरकार की दृष्टि में सम्मान बढ़ेगा।
आपका सोचा हुआ कार्य अच्छा है।

10- आपको अपेक्षित लाभ प्राप्त होगा,
          अत: कार्यारंभ कर सकते हैं।

11- आप जिस कार्य के बारे में सोच रहे हैं,
          उसमें हानि की आशंका है।

12-आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
        पुत्र से भी आपको विशेष लाभ मिलेगा।

13- शनिदेव की उपासना करें,
       कार्य में आ रही बाधाएं दूर होंगी।

14- आपका अच्छा समय शुरू हो गया है। 
        चिंताएं मिटेंगी, सुख - संपत्ति प्राप्त होगी।

15- आर्थिक तंगी के कारण ही आपके घर में सुख - शांति नहीं है। 
एक माह बाद स्थितियां बदलने लगेंगी, धैर्य एवं संयम रखें।

  || मां देवी दुर्गाजी की जय हो ||
🌸〰️〰️🌸〰️जय माताजी〰️🌸〰️〰️🌸

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

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