सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। सुंदर कहानी ।।
सुंदर कहानी
मैं एक चोर की तलाश में हूँ,।
रंग काला है....!
बाल धुधराले....!
बड़ी बड़ी आँखें ।
बिंबाफल के समान अधर होंठ....!
सुंदर तोते के जैसी नासिका...!
अनार दानो के जैसे दंतावली...!
गुलाबी गाल...!
मदमस्त चाल...!
एक नजर जो देख ले उसको दीवाना हो जाए,मुख में मुस्कान रहती है,हाथ में बंसी रखता है,मोर मुकुट सिर में,गले में बनमाला, पीत वसन धारी,आप किसी सज्जन पुरुष को अगर इस बलिहारी के दर्शन होवें,या किसी भी प्रकार की जानकारी हो तो कृपया मुझें प्रदान करने की महान कृपा करें ।
मैं जन्म जन्मांतर से ढूँढ रहा हूँ !
सूचना देने वाले को मेरे जन्म जन्मांतर की संचित पूँजी मैं उपहार स्वरूप प्रदान करूंगा ।
ये उस कलुआ की फोटो है, जरा ध्यान से...!
देखना,पल में लूट लेता है,आखो से जादू करता है।
" मैं तुम्हारा मित्र हूँ, "
गुरु नही।
क्योकि गुरु के नाम पर बहुत पाखंड हो गया है !
मै तुम्हे चरणों में नहीं, हृदय में बैठाना चाहता हूँ !
मैं तुम से बड़ा नहीं...!
जो तुम हो, वही मैं हूँ !
मैं तुम्हारे अंदर भी आनन्द देखना चाहता हूँ।
जो मुझे मिल रहा है, मैं तुम्हे भी वह अनुभूति देना चाहता हूँ !
मैं कुछ भी शेष नही रखूंगा।
जो मुझे मिला वह सब कुछ बांटना चाहता हूँ !
ऐसा नही कि मैं तुम्हारे उपर कोई अहसान कर रहा हूं!
मैं स्वयम् आजाद हूँ और तुम्हें भी आजादी देता हूँ !
तुम्हे वह स्वतंत्रता देना चाहता जो किसी धर्म ने तुम्हे नही दी है।
तुम चाहो तो धन्यवाद भी मत देना।
तुम मेरे मन्दिर मत बनाना !
मेरा कोई धर्म मत बनाना! मेरे प्रवचनों को शास्त्र मत बनाना !
तुम सब अपने - अपने गुरु बन जाना !
तुम्हारा गुरु बनने में मेरा कोई रस नही है !
लेकिन तुम्हारी गुरु मानने की यह आदत जन्मों से जुडी हुई है!
हम सब एक ही माला के मोती हैं।
" जो तुम हो वही मैं हूं, और जो मैं हूँ वही तुम हो ! "
प्रसन्नता कोई तुम्हें नहीं दे सकता, ना ही बाजार में किसी दुकान पर जाकर पैसे देकर आप खरीद सकते हैं।
अगर पैसे से प्रसन्नता मिलती तो दुनिया के सारे अमीर खरीद लेते।
प्रसन्नता जीवन जीने के ढंग से आती है।
जिंदगी भले ही खूब सूरत हो लेकिन जीने का अंदाज खूबसूरत ना हो तो जिंदगी को बदसूरत होते देर नहीं लगती।
झोंपड़ी में भी कोई आदमी आनन्द से लबालब मिल सकता है और कोठियों में भी दुखी, अशांत,परेशान आदमी मिल जायेगा।
आज से ही सोचने का ढंग बदल लो जिंदगी उत्सव बन जायेगी।
स्मरण रखना संसार जुड़ता है त्याग से और बिखरता है स्वार्थ से।
त्याग के मार्ग पर चलोगे तो सबका अनुराग बिना माँगे ही मिलेगा और जीवन बाग़ बनता चला जायेगा।
राम..!
शब्द में दो अर्थ व्यंजित हैं...!
सुखद होना..!
और ठहर जाना..!!
अपने मार्ग से भटका हुआ कोई क्लांत पथिक किसी सुरम्य स्थान को देखकर ठहर जाता है।
हमने सुखद ठहराव का अर्थ देने वाले जितने भी शब्द गढ़े सभी में *राम* अंतर्निहित है.
यथा...!
आराम..!
विराम..!
विश्राम..!
अभिराम..!
उपराम..!
ग्राम..!
जो *रमने* के लिए विवश*कर दे वह *राम..!
जीवन की आपाधापी में पड़ा *अशांत* मन जिस आनंददायक *गंतव्य* की सतत तलाश में है, वह गंतव्य है *राम..!
भारतीय मन हर स्थिति में *राम* को *साक्षी* बनाने का आदी है।
दुःख में...!
हे राम..!
पीड़ा में...!
हे राम..!
लज्जा में...!
हाय राम..!
अशुभ में...!
अरे राम राम..!
अभिवादन में...!
राम राम..!
शपथ में..!
रामदुहाई..!
अज्ञानता में..!
राम जाने..!
अनिश्चितता में...!
राम भरोसे..!
अचूकता के लिए..!
रामबाण..!
मृत्यु के लिए...!
रामनाम सत्य..!
सुशासन के लिए...!
रामराज्य..!
जैसी अभिव्यक्तियां पग-पग पर *राम* को साथ खड़ा करतीं हैं।
*राम* भी इतने सरल हैं कि *हर जगह खड़े हो जाते हैं।*
हर भारतीय उन पर अपना अधिकार मानता है।
जिसका कोई नहीं उसके लिए राम हैं-
निर्बल के बल राम..!
असंख्य बार देखी सुनी पढ़ी जा चुकी *रामकथा* का आकर्षण कभी नहीं खोता।
राम पुनर्नवा हैं।
हमारे भीतर जो कुछ भी अच्छा है, वह *राम* है।
जो *शाश्वत* है, वह *राम* हैं।
सब - कुछ लुट जाने के बाद जो बचा रह जाता है *वही तो राम है।
घोर निराशा के बीच जो उठ खड़ा होता है *वह भी राम ही है।
सीमाओं के बीच छुपे असीम को देखना हो तो राम को देखिए..!!
🌹जय- सियाराम🌹
💕💕💕
*जय श्री कृष्ण*
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏