सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
श्री यजुर्वेद और ऋग्वेद के नियमित नियमो अनुसार हमारे जीवन मे कौनसा फल मिलता था
।। श्री यजुर्वेद और ऋग्वेद के नियमित नियमो
अनुसार हमारे जीवन मे कौनसा फल मिलता था ।।
★★श्री यजुर्वेद और श्री ऋग्वेद के नियमित नियमो अनुसार सनातन धर्म ही हमारा जीवन मे पूर्वजो के द्वारा उसका चुस्त पूर्ण पालन करना ही क्यों शिखवाते रहते थे ।
*हमें अब समझ आ रहा है*
*1. आखिर क्यों...*
शौचालय और स्नानघर निवास स्थान के बाहर होते थे।
*2. आखिर क्यों...*
बाल कटवाने के बाद या किसी के दाह संस्कार से वापस घर आने पर बाहर ही स्नान करना होता था बिना किसी व्यक्ति या समान को हाथ लगाए हुए।
*3. आखिर क्यों...*
पैरों की चप्पल या जूते को घर के बाहर उतारा जाता था, घर के अंदर ले जाना निषेध था।
*4. आखिर क्यों...*
घर के बाहर पानी रखा जाता था और कहीं से भी घर वापस आने पर हाथ पैर धोने के बाद अंदर प्रवेश मिलता था।
*5. आखिर क्यों...*
जन्म या मृत्यु के बाद घर-वालों को 10 या 13 दिनों तक सामाजिक कार्यों से दूर रहना होता था।
*6. आखिर क्यों...*
किसी घर में मृत्यु होने पर भोजन नहीं बनता था ।
*7. आखिर क्यों...*
मृत व्यक्ति और दाह संस्कार करने वाले व्यक्ति के वस्त्र श्मशान में त्याग देना पड़ता था।
*8. आखिर क्यों...*
भोजन बनाने से पहले स्नान करना जरूरी था और कोसे के गीले कपड़े पहने जाते थे।
*9. आखिर क्यों...*
स्नान के पश्चात किसी अशुद्ध वस्तु या व्यक्ति के संपर्क से बचा जाता था।
*10. आखिर क्यों...*
प्रातःकाल स्नान कर घर में ज्योति, कर्पूर, धूप एवं घंटी और शंख बजा कर पूजा की जाती थी।
*हमने अपने पूर्वजों द्वारा वेद पुराणों और सनातन धर्म एवं वास्तु शास्त्र के स्थापित नियमों को आडम्बर समझ कर छोड़ दिया और पश्चिम का अंधा अनुसरण करने लगे।*
आज कॉरोना वायरस ने हमें फिर से अपने संस्कारों की याद दिला दी है।
उनका महत्व बताया है।
सनातन धर्म, सदैव ज्ञान और परंपरा से हमेशा समृद्ध रहा है...!
!!!!! शुभमस्तु !!!
🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏