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जय द्वारकाधीश
मछेन्द्रनाथ के जन्म ( जीवनी ) के वर्णन भाग 1 / 3 , एक बेटी का पिता ,
3 💥 नवनाथ पंथ कथा 💥
॥ मछेन्द्रनाथ जीवनी ( जन्म ) वर्णन ' अ '॥ भाग - 3
ॐ नमोनमः शिव गोरक्ष योगी । आदेश आदेश ।
आदि गुरु दत्तात्रेय के बाद सबसे महत्वपृर्ण नाम आचार्य मत्यसेन्द्रनाथ का है जो कौल मार्ग के प्रथम पर्वतक थे...!
इतिहासवेता मत्सेयन्द्र ( का नाम मीननाथ - मछेन्द्रनाथ भी है ) का समय विक्रम की आठवीं शताब्दी मानते है ।
देवपाल का राज्यकाल 809 से 849 ई. तक है ।
शँकर द्विग्यविजय नामक ग्रँथ 200 इस ० से पूर्व मत्यसेन्द्र पैदा हुए थे ।
मछेन्द्रनाथजी की स्थिति आठवी शताब्दी का प्र्रारम्भ माना जा सकता ।
प्रथम तो मछेन्द्रनाथजी द्वारा लिखित " कौल ज्ञान निर्णय " ग्रँथ का या लिपिका निश्चित रूप से सिद्ध कर देता है कि मछेन्द्रनाथ ग्यारहवीं शताब्दी के पूर्ववर्ती है ।
मछेन्द्रनाथ ब्रजयनी सिद्धो में एक मीनपा है ।
भगवान दत्तात्रेयजी ने गुरु मछेन्द्रनाथजी को गुरु मंत्र देकर शिष्य बनाया था स्वयं गुरु बने ।
नाथ पंथ की दीक्षा देकर भगवान दत्तात्रेय उन्हें लेकर देवो के देव महादेव के पास ले गये ।
भगवान शँकरजी कहा -
हे दत्तात्रेयजी !
इस देवधारी तपस्वी बालक को अपने " नाथ पंथ " की दीक्षा देकर उचित कार्य किया, अब आप इसे सम्पूर्ण गुप्तज्ञानकी जानकारी प्राप्त कराये ।
मेरा आशीर्वाद सदा इसके साथ है कि यह आपका चेला सम्पूर्ण संसार मे आपका मस्तक ऊंचा करके, अक्षय कीर्ति का अधिकारी बनेगा ।
भगवान दत्तात्रेय जी ने वेद वेदांग यंत्र - मन्त्र शास्त्रो की सब विद्याओं में मछेन्द्रनाथजी प्रवीण किया था ।
" मछेन्द्रनाथ की जीवनी "
सृष्टि रचते समय होनहार बस कामातुर अवस्था में ब्रह्मा का जी वीर्य निकलकर छिटकता हुआ अनेकानेक तीर्थ स्थलोंपर जा गिरा ।
जिससे अट्ठासी हजार ऋषि मुनियों का जन्म हुआ ।
उसी वीर्य का कुछ अंश समुन्द्र में जा गिरा, जिसे एक बड़ी मछली निगल गयी ।
जिसके प्रभावसे मछली गर्भवती हो गयी ।
उसी मछली के गर्भ में भगवान् कवि नारायणं के जीव का प्रवेश हुआ ।
उसी नदी के किनारे *" माँ गौरा पार्वती के साथ बैठे देवो के देव महादेव ज्ञान चर्चा कर रहे थे ।
जिसे भगवान् कवि नारायण ने गर्भवती मछली के उदर में ही सुनकर हुँकारा भरा ।
हुँकारा सुनकर भगवान् शंकर को शक हुआ और निंद्रा - मग्न पार्वती से पूछा-
" उमा !
मेरा उपदेश तुम्हारी समझ में आ रहा है ? " ।
माँ गोरा - पार्वती के स्थान पर मछली के गर्भ से ही हुंकार् की जगह उत्तर मिला ।
कि -
"आपने अनेक शास्त्रों का रहस्य खोलकर समझाया है ।
जिसका सारांश ये है कि सारा ब्रह्माण्ड शिव ही शिव है ।
शिव के अलावा और कुछ नही है ।"*
समुन्द्र के जल के भीतर से मनुष्य की वाणी सुन और पार्वती जी को सोता देख भगवान् महादेव भी हैरान हुये कि " इस घनघोर वीरान में किसी मनुष्य के आने की हिम्मत पड़ ही नही सकती ।
ना यहाँ किसी मनुष्य के चरण चिन्ह है, फिर मेरी गूढ़ ज्ञान चर्चा सुनकर कौन मुझे उत्तर दे रहा है ?"
यह सोच भगवान शंकर नें योग माया द्वारा जान लिया कि हमारे करीब ही जल में एक मछली पड़ी है ।
उसके गर्भ में कवि नारायण है ।
॥ ॐ नमो शिव शम्भू - त्रिदेव आदिगुरु दत्तात्रेय जी ॥
( आगे भाग - 4 पर )
एक बेटी का पिता:
एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई करवाई~~!!
*लड़का बड़े अच्छे घर से था!*
*तो पिता बहुत खुश हुए!*
*लड़के ओर लड़के के माता पिता का स्वभाव~~!!*
*बड़ा अच्छा था!*
*तो पिता के सिर से बड़ा बोझ उतर गया~~!!*
*एक दिन शादी से पहले!*
*लड़के वालो ने लड़की के पिता को खाने पे बुलाया~~!!*
*पिता की तबीयत ठीक नहीं थी~~!!*
*फिर भी वह ना न कह सके!*
*लड़के वालो ने बड़े ही आदर सत्कार से उनका स्वागत किया~~!!*
*फ़िर लडकी के पिता के लिए चाय आई~~!!*
*शुगर कि वजह से लडकी के पिता को चीनी वाली चाय से दुर रहने को कहा गया था~~!!*
*लेकिन लड़की के होने वाली ससुराल घर में थे तो चुप रह कर चाय हाथ में ले ली~~!!*
*चाय कि पहली चुस्की लेते ही वो चोक से गये!चाय में चीनी बिल्कुल ही नहीं थी~~!!*
*और इलायची भी डली हुई थी!*
*वो सोच मे पड़ गये कि ये लोग भी हमारी जैसी ही चाय पीते हैं~~!!*
*दोपहर में खाना खाया वो भी बिल्कुल उनके घर जैसा दोपहर में आराम करने के लिए दो तकिये पतली चादर!उठते ही सोंफ का पानी पीने को दिया गया~~!!*
*वहाँ से विदा लेते समय उनसे रहा नहीं गया तो पुछ बैठे मुझे क्या खाना है~~!!*
*क्या पीना है!मेरी सेहत के लिए क्या अच्छा है!*
*ये परफेक्टली आपको कैसे पता है!*
.
*तो बेटी कि सास ने धीरे से कहा कि कल रात को ही आपकी बेटी का फ़ोन आ गया था~~!!*
*ओर उसने कहा कि मेरे पापा स्वभाव से बड़े सरल हैं!*
*बोलेंगे कुछ नहीं प्लीज अगर हो सके!*
*तो आप उनका ध्यान रखियेगा!*
.
*पिता की आंखों मे वहीँ पानी आ गया था~~!!*
*लड़की के पिता जब अपने घर पहुँचे तो घर के हाल में लगी अपनी स्वर्गवासी माँ के फोटो से हार निकाल दिया~~!!*
*जब पत्नी ने पूछा कि ये क्या कर रहे हो!*
*तो लडकी का पिता बोले-मेरा ध्यान रखने वाली मेरी माँ इस घर से कहीं नहीं गयी है~~!!*
*बल्कि वो तो मेरी बेटी!*
*के रुप में इस घर में ही रहती है!*
*और फिर पिता की आंखों से आंसू झलक गये ओर वो फफक कर रो पड़े~~!!*
*दुनिया में सब कहते हैं ना!*
*कि बेटी है~~!!*
*एक दिन इस घर को छोड़कर चली जायेगी!*
*मगर मैं दुनिया के सभी माँ-बाप से ये कहना चाहता हूँ~~!!*
*कि बेटी कभी भी अपने माँ-बाप के घर से नहीं जाती~~!!*
*बल्कि वो हमेशा उनके दिल में रहती है~~!!*
*मित्रों दोस्तों यकीन करो*
*कि बेटियां परिवार पर बोझ नही होती......!*
*‼️ राध्धे-राध्धे ‼️*
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 25 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश, करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏
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