सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। शास्त्रों के अनुसार कौनसा समिध हवन यज्ञ में उपयोग किया जाता है , *🔹 आत्म संतुष्टि 🔹* ।।
।। शास्त्रों के अनुसार कौनसा समिध हवन यज्ञ में उपयोग किया जाता है ।।
हवन में कौन सी लकड़ी ले और कौन सी लकड़ी ना ले है
सामवेदकी ध्वनि सुनाई दे रही हो तब ऋग्वेद व यजुर्वेदको नहीं पढ़ना चाहिए, यह शास्त्रीय सिद्धांत है।
परंतु ऐसा क्यों है???
Pk & Pk Jewellers Ganesha | 24KT Gold Rectangular Frame Tabletop | Temple Collection | Extra Small Size [14x18 cm] (For Premium Gift, Temple, Table Decor, Home Decoration)
https://amzn.to/3IXs9Hq
*निम्न कारणोंमेंसे कौनसा समुचित है???*
1 सामवेदकी मधुर ध्वनि शमें व्यवधान न हो।
2 ऋग्वेद व यजुर्वेदका सामवेदसे विरोध है।
3 सभी वेदोंमें सामवेद श्रेष्ठ है, उसके सामने अन्य वेदोंका बोलना ठीक नहीं है।
4 सामवेदकी ही ध्वनि अपवित्र है।
5 सामवेद स्वतंत्र है अन्योंके बोलने पर उसका अपमान होता है।
यज्ञादि कर्मोंमें आमकी समिधासे हवन नहीं करना चाहिए।
परंतु लोगोंको न जाने कहांसे यह भ्रम हो गया है कि हवनमें आमकी समिधा अत्यंत उपयोगी है।
*#प्रमाण*-
*#यज्ञीयवृक्ष*-
*1 पलाशफल्गुन्यग्रोधाः प्लक्षाश्वत्थविकंकिताः।*
*उदुंबरस्तथा बिल्वश्चंदनो यज्ञियाश्च ये।।*
*सरलो देवदारुश्च शालश्च खदिरस्तथा।*
*समिदर्थे प्रशस्ताः स्युरेते वृक्षा विशेषतः।।*
(#आह्निकसूत्रावल्यां_वायुपुराणे)
*2 शमीपलाशन्यग्रोधप्लक्षवैकङ्कितोद्भवाः।*
*वैतसौदुंबरौ बिल्वश्चंदनः सरलस्तथा।।*
*शालश्च देवदारुश्च खदिरश्चेति याज्ञिकाः।।*
(#संस्कारभास्करे_ब्रह्मपुराणे)
*#अर्थ*-
1पलाश /ढाक/छौला
2फल्गु
3वट
4पाकर
5पीपल
6विकंकत /कठेर
7गूलर
8बेल
9चंदन
10सरल
11देवदारू
12शाल
13खैर
14शमी
15बेंत
उपर्युक्त ये सभी वृक्ष यज्ञीय हैं, यज्ञोंमें इनका इद्ध्म (काष्ठ) तथा इनकी समिधाओंका उपयोग करना चाहिए।
शमी व बेल आदि वृक्ष कांँटेदार होने पर भी वचनबलात् यज्ञमें ग्राह्य हैं।
*परंतु इन वृक्षोंमें आमका नाम नहीं है।*
*#यज्ञीयवृक्षोंके_न_मिलनेपर*-
यदि उपर्युक्त वृक्षोंकी समिधा संभव न होसके तो, शास्त्रोंमें बताया गया है कि, और सभी वृक्षोंसे भी हवन कर सकते हैं-
*एतेषामप्यलाभे तु सर्वेषामेव यज्ञियाः।।*
(#यम:,#शौनकश्च)
*तदलाभे सर्ववनस्पतीनाम्*
(#आह्निकसूत्रावल्याम्)
परंतु निषिद्ध वृक्षोंको छोड़ करके अन्य सभी वृक्ष ग्राह्य हैं।
तो निषिद्ध वृक्ष कौन से हैं देखिए-
*#हवनमें_निषिद्धवृक्ष*-
*#तिन्दुकधवलाम्रनिम्बराजवृक्षशाल्मल्यरत्नकपित्थकोविदारबिभीतकश्लेष्मातकसर्वकण्टकवृक्षविवर्जितम्।।*
(#आह्निकसूत्रावल्याम्)
*#अर्थ*-
1 तेंदू
2 धौ/धव
*3 #आम*
4 नीम
5 राजवृक्ष
6 सैमर
7 रत्न
8 कैंथ
9 कचनार
10बहेड़ा
11लभेरा/लिसोडा़ और
12सभी प्रकारके कांटेदार वृक्ष यज्ञमें वर्जित है।
*#विशेष*-
*1 #उत्तम_यज्ञीयवृक्ष*- शास्त्रोंमें जिन वृक्षोंका ग्रहण किया गया है, उन सभी वृक्षोंका प्रयोग सर्वश्रेष्ठ है।
*2 #मध्यम_यज्ञीयवृक्ष*- शास्त्रोंमें जिन वृक्षोंका ग्रहण भी नहीं किया गया है, और ना ही जिनका निषेध किया गया है ऐसे सभी वृक्षोंका उपयोग मध्यम है।
*3 #अधम_यज्ञीयवृक्ष*-
जिन वृक्षोंका शास्त्रोंमें निषेध किया गया है, उन वृक्षोंको यज्ञमें कभी भी उपयोगमें नहीं लाना चाहिए,ये सभी वृक्ष यज्ञमें अधम/त्याज्य हैं।
#यज्ञीयवृक्षका_मतलब है— जिन वृक्षोंका यज्ञमें हवन/ पूजन संबंधित सभी कार्योंमें पत्र ,पुष्प ,समिधा आदिका ग्रहण करना शास्त्रोंमें विहित बताया गया है ।
और निषिद्ध वृक्षोंका ये सब त्यागना चाहिए।
*जहां यज्ञीयवृक्ष बताए गए हैं वहां आमके वृक्षका ग्रहण नहीं किया गया है*
*और जहां निषेध वृक्षोंकी गणना है वहां आमकी गणना है। इससे आप लोग विचार कर सकते हैं।*
आमकी समिधा तो यज्ञकर्ममें सर्वथा त्याज्य है, जिसका लोग जानबूझकरके संयोग करते हैं, कितनी दुखद और विचारणीय बात है।
*#नोट*- इस लेखमें शुद्ध वैदिक एवं स्मार्त यज्ञोंमें शान्तिक , पौष्टिक सात्विक हवनकी विधिका उल्लेख किया गया है।
तांत्रिक विधिमें और उसमें भी षडभिचार - मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटनादिमें तो बहुत ऐसी चीजोंका हवन लिखा हुआ है जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते
#जैसे- मिर्चीसे, लोहेकी कीलोंसे, विषादिसे भी हवन करना लिखा हुआ है।
तो वहां कई निषिद्ध वृक्षोंका भी ग्रहण हो सकता है, उसकी यहां चर्चा नहीं है।
*#होमीयसमिल्लक्षण*-
*प्रादेशमात्राः सशिखाः सवल्काश्च पलासिनीः।*
*समिधः कल्पयेत् प्राज्ञः सर्व्वकर्म्मसु सर्व्वदा॥*
*नाङ्गुष्ठादधिका न्यूना समित् स्थूलतया क्वचित्।*
*न निर्म्मुक्तत्वचा चैव न सकीटा न पाटिता॥*
*प्रादेशात् नाधिका नोना न तथा स्याद्विशाखिका।*
*न सपत्रा न निर्वीर्य्या होमेषु च विजानता ॥*
(#छन्दोगपरिशिष्टम्)
#निषिद्ध_समिधा-
*विशीर्णा विदला ह्रस्वा वक्राः स्थूला द्विधाकृताः।*
*कृमिदष्टाश्च दीर्घाश्च समिधो नैव कारयेत्॥*
(#संस्कारतत्त्वम्)
#अशास्त्रीय_समिधाके_दुष्परिणाम-
*विशीर्णायुःक्षयं कुर्य्याद्बिदला पुत्त्रनाशिनी।*
*ह्रस्वा नाशयते पत्नीं वक्रा बन्धुविनाशिनी॥*
*कृमिदष्टा रोगकरी विद्वेषकरणी द्विधा।*
*पशून् मारयते दीर्घा स्थूला चार्थविनाशिनी॥*
(#इतितन्त्रम्)
#नवग्रहसमिधा -
*अर्कः पलाशः खदिरस्त्वपामार्गोऽथ पिप्पलः।*
*उदुम्बरः शमी दूर्व्वाः कुशाश्च समिधः क्रमात्॥*
(#संस्कारतत्त्वे_याज्ञवल्क्यवचनम्)
ॐ नमः पार्वतीपतये हर हर महादेव हर....।
*🔹 आत्म संतुष्टि 🔹*
एक कौआ था जो अपनी जिंदगी से बहुत खुश और संतुष्ट था।
एक बार वह एक तालाब पर पानी पीने रुका।
वहां पर उसने सफ़ेद रंग के पक्षी हंस को देखा।
उसने सोचा मैं बहुत काला हूँ और हंस इतना सुन्दर इसलिए शायद हंस इस दुनिया का सबसे खुश पक्षी होगा।
कौआ हंस के पास गया और बोला तुम दुनिया के सबसे खुश प्राणी हो।
हंस बोला –
मैं भी यही सोचा करता था कि मैं दुनिया का सबसे खुश पक्षी हूँ जब तक कि मैंने तोते को न देखा था।
तोते को देखने के बाद मुझे लगता है कि तोता ही दुनिया का सबसे खुश पक्षी है क्योंकि तोते के दो खूबसूरत रंग होते है इसलिए वही दुनिया का सबसे खुश पक्षी होना चाहिए।
कौआ तोते के पास गया और बोला –
तुम ही इस दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो।
तोता ने कहा –
मैं पहले बहुत खुश था और सोचा करता था कि मैं ही दुनिया का सबसे खूबसूरत पक्षी हूँ...!
लेकिन जब से मैंने मोर को देखा है, मुझे लगता है कि वो ही दुनिया का सबसे खुश पक्षी है क्योंकि उसके कई तरह के रंग है और वह मुझसे भी खूबसूरत है।
कौआ चिड़ियाघर में मोर के पास गया और देखा कि सैकड़ों लोग मोर को देखने के लिए आए है।
कौआ मोर के पास गया और बोला –
तुम दुनिया के सबसे सुन्दर पक्षी हो और हजारों लोग तुम्हें देखने के लिए आते है....!
इस लिए तुम ही दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो।
मोर ने कहा –
मैं हमेशा सोचता था कि मैं दुनिया का सबसे खूबसूरत और खुश पक्षी हूँ लेकिन मेरी खूबसूरती के कारण मुझे यहाँ पिंजरे में कैद कर लिया गया है।
मैं खुश नहीं हूँ और मैं अब यह चाहता हूँ कि काश मैं भी कौआ होता तो मैं आज आसमान में आजाद उड़ता।
चिड़ियाघर में आने के बाद मुझे यही लगता है कि कौआ ही सबसे खुश पक्षी होता है।
“हम लोगों की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही हो गयी है।
हम अपनी तुलना दूसरों से करते रहते है और दूसरों को देखकर हमें लगता है कि वो शायद हम से अधिक खुश है।
इस कारण हम दु:खी हो जाते हैं ।
🙏🌹🙏जय श्री कृष्ण🙏🌹🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Ramanatha Swami Covil Car Parking Ariya Strits , Nr. Maghamaya Amman Covil Strits , V.O.C. Nagar , RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें