सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। दीपावली पर लक्ष्मीप्राप्ति की सचोट साधना - विधियाँ* / *#भोजन के प्रकार*।।
।। श्रीमदविष्णुपुराण प्रवचन ।।
🎋 *दीपावली विशेष* 🎋
🍂श्री लक्ष्मीनारायणाय नम: 🍂
🌴 _*दीपावली पर लक्ष्मीप्राप्ति की सचोट साधना - विधियाँ*_ 🌴
1) 🥀 *धनतेरस से आरम्भ करें* :
सामग्री: दक्षिणावर्ती शंख, केसर, गंगाजल का पात्र , धूप , अगरबत्ती , दीपक ,लाल वस्त्र।
🌴 *विधि* :
साधक अपने सामने लक्ष्मीनारायण व लक्ष्मीजी या सत्यनारायण के फोटो रखें तथा उनके सामने लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर दक्षिणावर्ती शंख रख दें।
उस पर केसर से स्वस्तिक बना लें तथा कुमकुम से तिलक कर दें।
इसके बाद स्फटिक की माला से निम्न मंत्र की 7 मालाएं करें।
तीन दिन तक ऐसा करना है।
इतने से ही मंत्र - साधना सिद्ध हो जाती है।
मंत्र जप पूरा होने के पश्चात लाल वस्त्र में शंख को बांधकर घर में रख दें।
कहते हैं - जब तक वह शंख घर में रहेगा ।
तब तक घर में निरंतर उन्नति होती रहेगी।
*मंत्र*
_।।ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृहे स्थिरो ह्रीं ॐ नमः।।_
2) 🍁 *दीपावली से आरंभ करें* :
( त्रीय- दिवसीय साधना )
🎋 *दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात भाईदूज तक*
एक स्वच्छ कमरे में धूप , दीप व अगरबत्ती जलाकर शरीर पर पीले वस्त्र धारण करके ।
ललाट पर केसर का तिलक कर ।
स्फटिक मोतियों से बनी माला द्वारा नित्य प्रातः काल निम्न मंत्र की दो मालाएं जपें :
*मंत्र*
_।।ॐ नमों भाग्यलक्षम्यै च विद्- महे।
अष्टलक्षम्यै च धीमहि ।
तन्नो लक्ष्मी : प्रचोदयात्।।_
🌴 दीपावली लक्ष्मी जी का जन्मदिवस है।
समुद्र - मंथन के दौरान इस दिन वे क्षीरसागर से प्रगट हुई थी।
अतः घर मे लक्ष्मी जी के वास , दरिद्रता के विनाश और आजीविका के उचित निर्वाह हेतु यह साधना करनेवाले पर लक्ष्मीजी प्रशन्न होती है।
🙏 सभी साधक यह साधना दीपावली पर अवश्य करें🙏
⛅🥀 *धनतेरस* -
धनवन्तरिजी के आरोग्य - सिद्धांतों और आत्मविश्वासरूपी को अपने चित्त में सिंचन करने का संकेत देता है धवन्तरिदशी का पर्व ।
आपके जीवन में शारीरिक धन की रक्षा करने की भी कला होनी चाहिए।
धनतेरस के दिन लक्ष्मी - पूजन करते हैं।
इस दिन सुबह उठकर संकल्प करो कि " मैं महालक्ष्मी का पूजन करूंगा।"
व्रत करो और सन्ध्याकाल में लक्ष्मी - पूजन करो।
🥀 *नरक चतुर्दर्शी* -
इस दिन तेल में लक्ष्मी जी का और जल में गंगा जी का वास कहा गया है ।
जल में पवित्रता होती है।
इस शुभ अवसर पर जो ब्यक्ति प्रातः काल स्नान करता है ।
वह रूपवान होता है ।
उसकी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
🌞 *दीपावली* -
दिवाली की रात को सरस्वतीजी ओर लक्ष्मीजी का पूजन होता है।
धन प्राप्त हो , बहुत धन मिले, उसे मैं " लक्ष्मी " नहीं मानता ।
महापुरुष उसे ' वित्त ' मानते हैं।
दीवाली की रात को सरस्वतीजी का पूजन करते हैं, जिससे विद्या मिले ।
ऐहिक विधा के साथ आपके चित्त में विनय आये ।
आपके जीवन में ब्रम्हविधा आये ।
इस लिए सरस्वतीजी की पूजा करनी होती है ।
और आपका वित्त आपको बांधने वाला न हो ।
आपको विषय - विलास एवं विकारों में न घसीट ले इसलिए लक्ष्मी - पूजन करना होता है।
🍁 *प्रतिपदा* -
इस दिन से विक्रम संवत शुरू होता है।
दीपावली की रात्रि को पिछले संवत में थे , सुबह नये संवत में आये ।
रात को सोकर सारा वर्ष रूपांतरित कर दिया ।
वैसे ही मृत्यु भी एक रात्रि है, पूरा जीवन रूपांतरित कर देती है।
अपनी मौत को याद करके अमरता की ओर बढ़ने का संकेत इस पर्व में समाया हुआ है।
वर्ष के प्रथम दिन तुम्हारे जीवन की दैनंदिनी के प्रथम पन्ने पर पहले लिखो -
🌴 अथातो ब्रम्हाजिज्ञासा 🌴
तुझे कुछ जानना है तो उस एक जान जिससे सब जाना जाता है।
कुछ पाना है तो उस एक को पा जिससे सब पाया जाता है।तुझे मिलना है ।
तो उस एक से मिल जिससे तू सबसे एक ही साथ मिल पाये।
👨👩👧👧 *भाईदूज* - भाईदूज मतलब भाई की बहन के लिए सदभावना और बहन की भाई के लिए सदभावना क्योकि आपका मन कल्पतरु है।
⛅ भाई बहन के घर जाता है, बहन के प्यारभरे स्पंदनों ।
भावों से बना हुआ भोजन करता है, बहन के संकल्प , आशीष लेता है ।
बहन के प्रति अपनी कृतज्ञता भी ब्यक्त करता है।
बहन भाई को त्रिलोचन देखना चाहती है और भाई बहन का शील , मान - सम्मान बरकरार रहे यह देखना चाहता है।
दोनों के हृदय में दिब्य भाव प्रकटाने का पर्व है भाईदूज।
*🙏 आप सभी साधक भाई- बहनों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं🙏*
🌴जय श्री लक्ष्मीनारायण🌴
।।*#भोजन के प्रकार*।।
*#भीष्म पितामह ने गीता में अर्जुन को 4 प्रकार से भोजन करने के लिए बताया था।*
👉🏿1) #पहला भोजन- जिस भोजन की थाली को कोई लांघ कर गया हो वह भोजन की थाली नाले में पड़े कीचड़ के समान होती है।
👉🏿2) #दूसरा भोजन- जिस भोजन की थाली में ठोकर लग गई ,पाव लग गया वह भोजन की थाली भिष्टा के समान होता है।
👉🏿3) #तीसरे प्रकार का भोजन -जिस भोजन की थाली में बाल पड़ा हो, केश पड़ा हो वह दरिद्रता के समान होता है।
👉🏿4)#चौथे नंबर का भोजन -अगर पति और पत्नी एक ही थाली में भोजन कर रहे हो तो वह मदिरा के तुल्य होता है।
#विषेश सूचना --
और सुन अर्जुन- बेटी अगर कुमारी हो और अपने पिता के साथ भोजन करती है एक ही थाली में ,, उस पिता की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती ,क्योंकि बेटी पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती है ।इसीलिए बेटी जब तक कुमारी रहे तो अपने पिता के साथ बैठकर भोजन करें। क्योंकि वह अपने पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती हैं।
*स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है*
सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है।
*1* *मुनि स्नान।*
जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है।
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*2* *देव स्नान।*
जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है।
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*3* *मानव स्नान।*
जो सुबह 6 से 8 के बिच किया जाता है।
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*4* *राक्षसी स्नान।*
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।
▶️मुनि स्नान सर्वोत्तम है।
▶️देव स्नान उत्तम है।
▶️मानव स्नान समान्य है।
▶️राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।
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किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।
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*मुनि स्नान .......*
👉🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।
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*देव स्नान ......*
👉🏻 आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव,सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।
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*मानव स्नान.....*
👉🏻काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है।
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*राक्षसी स्नान.....*
👉🏻 दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है ।
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किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए।
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पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे।
*खास कर जो घर की स्त्री होती थी।* चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो,पत्नी के रूप में हो,बेहन के रूप में हो।
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घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए।
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*ऐसा करने से धन ,वैभव लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है।*
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उस समय...... एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता।
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उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है।
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प्रकृति ......का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता ,उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है।
इसलिए अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये ।
ओर उन का पालन भी करे।
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आप का भला हो ,आपके अपनों का भला हो।
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मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता।
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अपने जीवन को सुखमय बनाये।
जीवन जीने के कुछ जरूरी नियम बनाये।
☝🏼 *याद रखियेगा !* 👇🏽
*संस्कार दिये बिना सुविधायें देना, पतन का कारण है।*
*सुविधाएं अगर आप ने बच्चों को नहीं दिए तो हो सकता है वह थोड़ी देर के लिए रोए।*
*पर संस्कार नहीं दिए तो वे जिंदगी भर रोएंगे।*
ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।
जवाब:-
अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :-
(1)जल
(2) पथ्वी
(3)आकाश
(4)वायू
(5) अग्नि
ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी ।
5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है
1. श्मशान में
2. अर्थी के पीछे
3. शौक में
4. मन्दिर में
5. कथा में
सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।
अकेले हो?
परमात्मा को याद करो ।
परेशान हो?
ग्रँथ पढ़ो ।
उदास हो?
कथाए पढो ।
टेन्शन मे हो?
भगवत गीता पढो ।
फ्री हो?
अच्छी चीजे फोरवार्ड करो
हे परमात्मा हम पर और समस्त प्राणियो पर कृपा करो......
सूचना
क्या आप जानते हैं ?
हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।
व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है,सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती----के दौरान ताली बजाने से
दिल मजबूत होता है ।
ये मेसेज असुर भेजने से रोकेगा मगर आप ऐसा नही होने दे और मेसेज सब नम्बरो को भेजे ।
श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण ।
.
''कैन्सर"
एक खतरनाक बीमारी है...!
बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं ...!
बहुत मामूली इलाज करके इस
बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है ...!
अक्सर लोग खाना खाने के बाद "पानी" पी लेते है ...!
खाना खाने के बाद "पानी" ख़ून में मौजूद "कैन्सर "का अणु बनाने वाले '''सैल्स'''को '''आक्सीजन''' पैदा करता है...!
''हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि...!
खाने से पहले'पानी 'पीना
अमृत"है...
खाने के बीच मे 'पानी ' पीना शरीर की
''पूजा'' है...
खाना खत्म होने से पहले 'पानी'
''पीना औषधि'' है...
खाने के बाद 'पानी' पीना"
बीमारीयो का घर है...
बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद 'पानी 'पीये...
ये बात उनको भी बतायें जो आपको "जान"से भी ज्यादा प्यारे है...
जय श्री राम
रोज एक सेब
नो डाक्टर ।
रोज पांच बदाम,
नो कैन्सर ।
रोज एक निबु,
नो पेट बढना ।
रोज एक गिलास दूध,
नो बौना (कद का छोटा)।
रोज 12 गिलास पानी,
नो चेहेरे की समस्या ।
रोज चार काजू,
नो भूख ।
रोज मन्दिर जाओ,
नो टेन्शन ।
रोज कथा सुनो
मन को शान्ति मिलेगी ।।
"चेहरे के लिए ताजा पानी"।
"मन के लिए गीता की बाते"।
"सेहत के लिए योग"।
और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो ।
अच्छी बाते फैलाना पुण्य है.किस्मत मे करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती हैं ।
जीवन के अंतिम दिनो मे इन्सान इक इक पुण्य के लिए तरसेगा ।
जब तक ये मेसेज भेजते रहोगे मुझे और आपको इसका पुण्य मिलता रहेगा...
जय श्री राम जय जय श्री सीता राम
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
सेल नंबर: . + 91- 7010668409 / + 91- 7598240825 WHATSAPP नंबर : + 91 7598240825 ( तमिलनाडु )
Skype : astrologer85
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏
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