सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। प्रायश्चित / शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से क्या फल मिलता है...।।
।। सुंदर साहनी ।।
*प्रायश्चित*
वह बारह - तेरह वर्ष का बालक ही तो था।
कच्ची बुद्धि थी और साथ अच्छा न था ।
उसके एक संबंधी सिगरेट पीते थे ।
उसे भी शौक लगा ।
सिगरेट से फायदा तो क्या धुआँ उड़ाना उसे अच्छा लगता था।
समस्या आई की सिगरेट खरीदने के लिए पैसे कहां से आवें?
बड़ों के सामने ना पी सकता था ना ही पैसे मांग सकता था।
तब, क्या हो?
नौकरों की जेबें टटोली जाने लगी और पैसा धेला जो भी पल्ले पड़ता उसे उड़ा लिया जाता।
बड़े सिगरेट पी कर फेंक देते तो वे टुकड़े इकट्ठे कर लिए जाते।
मजा तो सिगरेट पीने में नहीं आता था पर उससे क्या!
यह सिलसिला कुछ दिनों तक चला ।
अचानक एक दिन विचार उठा कि ऐसा काम क्यों करना ।
जो बड़ों से छिपाना पड़े और जिसके लिए चोरी करनी पड़े?
बात उठी - उठी कि वहीं -की - वहीं दब गई।
फिर उठी और पराधीनता दिन पर दिन खलने लगी।
यह भी क्या कि बड़ों की आज्ञा बिना कुछ न कर सकें?
ऐसे जीने से लाभ क्या?
इससे तो जीवन का अंत कर देना ही अच्छा !
पर मरें कैसे ?
किसी ने कहा था कि धतूरे के बीज खा लेने से मृत्यु हो जाती है ।
बीज इकट्ठे किए गए ।
पर खाने की हिम्मत न हुई ।
प्राण न निकले तो ?फिर भी साहस करके दो-चार बीज खा ही डाले।
परंतु उनसे क्या होता था?
मौत से वह डर गया और उसने मरने का विचार छोड़ दिया ।
जान बची ,साथ ही एक लाभ यह हुआ कि सिगरेट जूठन पीने और नौकरों के पैसे चुराने की आदत छूट गई।
उसने आगे कभी चोरी न करने का निश्चय किया ।
साथ ही यह भी कि अपनी चोरी को अपने पिता के सामने स्वीकार कर लेगा।
यह डर तो ना था कि पिताजी उसे पीटेंगे ।
परंतु इतना तो था कि वे सुनकर बहुत दुखी होंगे।
पिता के आगे मुंह तो खुल नहीं सकता था।
सब बालक ने चिट्ठी लिखकर अपना दोष स्वीकार कर लिया।
चिट्ठी अपने हाथों ही पिता को दी।
उसमें सारा दोष कबूल किया गया था ,साथ ही उसके लिए दंड मांगा गया था ।
आगे चोरी न करने का निश्चय भी था।
पिताजी बीमार थे ।
वे बिस्तर पर लेटे थे।
चिट्ठी पढ़ने के लिए उठ बैठे। चिट्ठी पढ़ी ।
आंखों से मोती की बूंदें टपकने लगीं।
थोड़ी देर के लिए उन्होंने आंखें बंद कर लीं।
चिट्ठी के टुकड़े - टुकड़े कर डाले और बिस्तर पर पुनः
लेट गए।
मुंह से उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा।
बालक अवाक् रह गया।
पिता की वेदना को उसने अनुभव किया और उनकी पीड़ा तथा शांतिमय क्षमा से वह रो पड़ा।
बड़े होने पर उसने लिखा--
'जो मनुष्य अधिकारी व्यक्ति के सामने स्वेच्छा पूर्वक अपने दोष शुद्ध हृदय से कह देता है और फिर कभी न करने की प्रतिज्ञा करता है ।
वह मानो शुद्धतम प्रायश्चित करता है।'
कृपया चिंतन करें व अपने जीवन में उतारे तथा बच्चों को भी ऐसी शिक्षा दें🕉🙏🙏
🙏जय माँ अंबे 🙏
।। शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से क्या फल मिलता है... ।।
🌹श्रावण माह में भगवान शिव की पुजा करने से भोले नाथ की असीम कृपा एवं आशीर्वाद मिलता है ।
🌷शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
🌷शिवलिंग पर दही अर्पित करने से हमें जीवन में हर्ष और उल्लास की प्राप्ति होती है।
🌷 शिवलिंग पर शहद चढाने से रूप और सौंदर्य प्राप्त होता है, वाणी में मिठास रहती है, समाज में लोकप्रियता बढ़ती है।
🌷 शिवलिंग पर घी चढ़ाने से हमें तेज की प्राप्ति होती है।
🌷 शिवलिंग पर शक्कर चढ़ाने से सुख - समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
🌷शिवलिंग पर ईत्र चढ़ाने से धर्म की प्राप्ति होती हैं।
🌷शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से धन धान्य की वृद्धि होती है, जीवन में सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
🌷शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से समाज में यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
🌷शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है, विवाह में आने वाली समस्त अड़चने दूर होती है, मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होता है विवाह के योग शीघ्र बनते है ।
🌷शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से हमारे समस्त पाप समस्त बुराइयां दूर होती हैं।
🌷 शिवलिंग पर आँवला अथवा आँवले का ऱस चढ़ाने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है ।
🌷शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से समस्त पारिवारिक सुखो की प्राप्ति होती है , परिवार के सदस्यों के मध्य में प्रेम बना रहता है।
🌷शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से वंश वृद्धि होती है, योग्य संतान की प्राप्ति होती है, संतान आज्ञाकारी होती है।
🌷शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से धन और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
🌷 शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से पापों समस्त रोगो का नाश होता है।
🌷 शिवलिंग पर जौ अर्पित करने से सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती है।
🌷भगवान भोलेनाथ की बेलपत्र से पूजा करने से सभी संकट दूर होते है।
🌷भगवान भोलेनाथ की दूर्वा से पूजन करने दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।
🌷भगवान भोलेनाथ की हारसिंगार के फूलों से पूजन करने पर जीवन में सुख-संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
🌷 भगवान भोलेनाथ पर चमेली के फूल चढ़ाने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
🌷भगवान भोलेनाथ की धतूरे से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
🌷 भगवान भोलेनाथ की आंकड़े के फूल से पूजन, श्रृंगार करने से जीवन के सभी सुख मिलते है, पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🌷भगवान भोलेनाथ की अलसी के फूलों से पूजन करने से मनुष्य सभी देवताओं का प्रिय हो जाता है।
🌷 भगवान भोलेनाथ की बेला के फूल से पूजन करने पर मनचाहा, सुंदर जीवन साथी मिलता है।
🌷भगवान भोलेनाथ की जूही के फूल से पूजन करने से घर कारोबार में धन धान्य की कोई भी कमी नहीं होती है।
🙏जय श्री महाकाल🙏
🙏🏻शिव 🙏🏻🙏🏻शिव🙏🏻🙏🏻शिव🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Dhanlakshmi Strits , Marwar Strits, RAMESHWARM - 623526 ( TAMILANADU )
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏